मैने नंद कुमार पटेल जी से पूछा की चुनाव को कांग्रेस पार्टी जीतेगी या हारेगी और उन्होंने मुझे जवाब दिया था की राहुल जी हम चुनाव हार ही नहीं सकते। और मैंने उनसे पूछा था की यह आप कैसे कह रहे हो। आप की सोच क्या है ? और उन्होंने मुझसे कहा था देखिये राहुल जी इस मेज पे मैं जो आपसे बोल रहा हूं। जो मैंने आपको मीटिंग में बताया वो नंद कुमार पटेल नहीं बोल रहा है। वो छत्तीसगढ़ की जनता बोल रही है। और मैं यहा कांग्रेस पार्टी का सिपाही हूं और मुझमे छत्तीसगढ़ की जनता की आवाज गुंज रही है। और जो मैं आपसे बोल रहा हूं अपने प्रदेश के हित के लिये बोल रहा हूं। इसलिये कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में हार नहीं सकती।
25 मई को मैं अपने घर में था। और मेरे ऑफिस से एक फोन आया। और यहा लड़का है जिसने मुझे फोन किया था वो मेरे पीछे खड़ा है। और उसने कहा छत्तीसगढ़ से बूरी खबर आई है। और मैंने उससे कहा पीसीसी प्रेसीडेंट को मार दिया गया। और उसने कहा मालूम नहीं मगर उनकों उठाकर ले गये। क्योकि यहा इन जंगलों में नंद कुमार पटेल जी, कर्मा जी इनको नहीं मारा गया। छत्तीसगढ़ की जो आवाज है, आम आदमी की जो आवाज है, आपकी जो आवाज है जिसको कर्मा जी, शुक्ला जी, नंद कुमार पटेल जी और हमारे बाकि सिपाही जो उठा रहे थे। उस आवाज को जंगल में ले जाकर शांत करने की कोशिश की गई थी।
मैं एकदम से छत्तीसगढ़ आया और लोगों ने कहा की आप मत जाइये। मगर मैं आया। 1 बजे आया और अस्पताल गया। दो कारण थे। एक कारण था की नंद कुमार पटेल जी और बाकि जो कांग्रेस पैर्टी के नेता थे वो हमारे नेता थे। दिल का रिस्ता था। और दूसरा कारण भी था। जिनका वो आवाज उठान रहे थे उनको कुचलने की कोशिश हो रही थी। और मैंने कहा छत्तीसगढ़ की आवाज को दबाया जा रहा है तो मैं वहा जा रहा हूं। इसलिये मैं यहा आया था।
हिन्दुस्तान में राजनीति में दो सोच है। एक सोच कांग्रेस पार्टी की सोच है और बड़े पैमाने पर आप कह सकते है वो अधिकार की सोच है। हम चाहते हैं आम आदमी हो, गरीब हो, आदिवासी हो, शहर में जो काम करता है बेचारा मिडिल क्लास का हो। हम चाहते हैं उसे अधिकार दिये जाये। उसे शक्ति दी जाये। हम उस बात को पहचानते हैं की इस देश को हम सब चलाते हैं, आप चलाते हैं। और विपक्ष के लोग सोचते हैं की एक, दो या तीन व्यक्ति देश को चला सकता है। वो इंफ्रास्टक्रचर की बात करते हैं और कहते हैं की हमने सड़क बनाये। हम इस बात को स्वीकार करते हैं की सड़कों की जरुरत है, रेलवे लाइन की जरुरत है। जितनी सड़के उन्होंने बनाये उससे दुगने-तिगुने सड़क हमने बनवाये। मगर हम एक और बात कहते हैं। हम कहते हैं की आम आदमी को शक्ति देनी है, आम आदमी को अधिकार देना है। जो सड़क पर चलता है उसके पेट में खाना हो, उसके बच्चे के पास शिक्षा हो।
कुछ साल पहले मैं यहा बस्तर आया था और आपके आदिवासियों के गांव में गया। रात का समय था बातचीत हो रही थी। आप मुझे अपनी बात बता रहे थे और मैं सुन रहा था। मैंने फिर सावाल पूछा की आपके गांव में कितने लोग हैं, आबादी कितनी है? लोगों ने कहा तकरीबन दो हजार लोग यहा रहते हैं। और मैंने पूछा यहा 12वीं पास कितने लोग हैं? उन्होंने कहा एक व्यक्ति है जो इस गांव में 12वीं पास है। कैसी सरकार चला रखी है यहा पे। आपके गांव में दो हजार लोगों में सिर्फ एक व्यक्ति है जो 12वीं पास है। क्या भविष्य है उस गांव का। यहा सड़कें बन जाती हैं। सरकार सड़क पर चलती है। सड़क पर हमला हुआ था। 32 लोग मारे गये। कहा थी सरकार? विपक्ष के सबसे बड़े नेताओं को मारा गया। कहा थी सरकार? अगर कांग्रेस पार्टी के नेता को नहीं बचाया जा रहा है तो अदिवासी लोग, आम आदमी कैसे बचेगा? कैसे आगे बढ़ेगा?
पैसा हम भेजते हैं। 10 हजार करोड़ भेजा। और यहा सरकार कहती है की पैसा नहीं है। हमने कानून बदल दिया। हमने कहा की देखिये जैसे हमने रोजगार गारंटी करके दिलवाया जो यहा चला नहीं। और हमने कहा है की पूरी हिन्दुस्तान में हम भोजन गारंटी करके देंगे। हर व्यक्ति को देंगे, हर गरीब को देंगे, जो भी मांगेगा उसको देंगे। और इनके नेताओं ने क्या किया? पार्लियामेंट हाउस में खड़े हो गये और कहा यह कानून नहीं चलेगा। तीन साल इसको रोकने की कोशिश की मगर हमने कानून पास करके दिखाया। सूचना का अधिकार दिया और आदिवासियों को ट्राइबल बिल दिलवाया। ट्राइबल बिल क्यो दिलवाया? इसलिये दिलवाया ताकि आपकी जो जमीन है आपको मिले। और अभी चौबे जी ने कहा की आपकी जो जमीन है छत्तीसगढ़ में। हमने जो दिल्ली में कानून बनाया है छत्तीसगढ़ में आपको जमीन नहीं दी जा रही। कांग्रेस पार्टी आयेगी, ट्राइबल बिल को हम यहा लागू करेंगे।
हमारा कहना है की पंचायतीराज है। जो आपकों निर्णय लेने हैं आपकों गांव में लेने चाहिये। आप लोग मुझे बताओं छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में आपको डाक्टर दिखाई देते हैं। हजारो लोग यहा मर रहे हैं। क्या किया जा रहा है। हमारी लड़ाई आम आदमी की लड़ाई है, गरीबों की लड़ाई है, कमजोरों की लड़ाई है। और हम चाहते हैं की सत्ता आपके तरफ जाये। शक्ति आपके हाथ में जाये। आरटीआई लाये हम। क्यो लाये? इस तम्बू में जो भी बैठा है आज हिन्दू, मुसलमान, सिख, आदिवासी, अमीर, गरीब जो भी है वो सरकार के बारे में कोई भी सवाल पूछ सकता है। और सरकार को जवाब देना होगा। जो आज भ्रष्टाचार की बात होती है जो पहले छुपा रहता था आरटीआई ने उसको बाहर निकाला। हम यह जानते थे क्योकि हम बदलाव लाना चाहते थे। जितने काम हमने पिछले 9 सालों में किये है उतने शायद किसी ने नहीं किये।
रोजगार योजना, आरटीआई, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, ट्राइबल बिल, किसानों को पैसा शायद एसा किसी सरकार ने नहीं किया। और हमने आपसे वादा किया था की कांग्रेस पार्टी की सरकार आयेगी, गरीबों, आदिवासियो, पिछड़ों, कमजोर लोगों की सरकार आयेगी। बाकि लोग खाली बात करते हैं लेकिन हमने 9 सालों में काम करके दिखाया। मनमोहन सिंह जी और सोनिया जी ने काम करके दिखया है। और जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार आयेगी तो आप एक बात नहीं भूलना की आदिवासी, गरीबों, पिछड़े लोगों की सरकार आयेगी। आपकी लड़ाई हमारी लड़ाई है। और जो आवाजों को जंगलों में बंद करने की कोशिश की गई, जिसकों मारने की कोशिश की उसको हम मरने नहीं देंगे क्योकि वो छत्तीसगढ़ की आवाज है। आप लोग दूर-दूर से आये इसके लिये बहुत धन्यवाद। और जो आदिवासी युवा हैं आपकों एक बात कहना चाहता हूं। आपको खड़े होना है, आपकों राजनीति में आना है। और आदिवासीयों को,बाकि हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाना है। इस काम को करने के लिये मैं आपके साथ खड़ा हुआ हूं इस बात को आप मत भूलों। धन्यवाद।
25 मई को मैं अपने घर में था। और मेरे ऑफिस से एक फोन आया। और यहा लड़का है जिसने मुझे फोन किया था वो मेरे पीछे खड़ा है। और उसने कहा छत्तीसगढ़ से बूरी खबर आई है। और मैंने उससे कहा पीसीसी प्रेसीडेंट को मार दिया गया। और उसने कहा मालूम नहीं मगर उनकों उठाकर ले गये। क्योकि यहा इन जंगलों में नंद कुमार पटेल जी, कर्मा जी इनको नहीं मारा गया। छत्तीसगढ़ की जो आवाज है, आम आदमी की जो आवाज है, आपकी जो आवाज है जिसको कर्मा जी, शुक्ला जी, नंद कुमार पटेल जी और हमारे बाकि सिपाही जो उठा रहे थे। उस आवाज को जंगल में ले जाकर शांत करने की कोशिश की गई थी।
मैं एकदम से छत्तीसगढ़ आया और लोगों ने कहा की आप मत जाइये। मगर मैं आया। 1 बजे आया और अस्पताल गया। दो कारण थे। एक कारण था की नंद कुमार पटेल जी और बाकि जो कांग्रेस पैर्टी के नेता थे वो हमारे नेता थे। दिल का रिस्ता था। और दूसरा कारण भी था। जिनका वो आवाज उठान रहे थे उनको कुचलने की कोशिश हो रही थी। और मैंने कहा छत्तीसगढ़ की आवाज को दबाया जा रहा है तो मैं वहा जा रहा हूं। इसलिये मैं यहा आया था।
हिन्दुस्तान में राजनीति में दो सोच है। एक सोच कांग्रेस पार्टी की सोच है और बड़े पैमाने पर आप कह सकते है वो अधिकार की सोच है। हम चाहते हैं आम आदमी हो, गरीब हो, आदिवासी हो, शहर में जो काम करता है बेचारा मिडिल क्लास का हो। हम चाहते हैं उसे अधिकार दिये जाये। उसे शक्ति दी जाये। हम उस बात को पहचानते हैं की इस देश को हम सब चलाते हैं, आप चलाते हैं। और विपक्ष के लोग सोचते हैं की एक, दो या तीन व्यक्ति देश को चला सकता है। वो इंफ्रास्टक्रचर की बात करते हैं और कहते हैं की हमने सड़क बनाये। हम इस बात को स्वीकार करते हैं की सड़कों की जरुरत है, रेलवे लाइन की जरुरत है। जितनी सड़के उन्होंने बनाये उससे दुगने-तिगुने सड़क हमने बनवाये। मगर हम एक और बात कहते हैं। हम कहते हैं की आम आदमी को शक्ति देनी है, आम आदमी को अधिकार देना है। जो सड़क पर चलता है उसके पेट में खाना हो, उसके बच्चे के पास शिक्षा हो।
कुछ साल पहले मैं यहा बस्तर आया था और आपके आदिवासियों के गांव में गया। रात का समय था बातचीत हो रही थी। आप मुझे अपनी बात बता रहे थे और मैं सुन रहा था। मैंने फिर सावाल पूछा की आपके गांव में कितने लोग हैं, आबादी कितनी है? लोगों ने कहा तकरीबन दो हजार लोग यहा रहते हैं। और मैंने पूछा यहा 12वीं पास कितने लोग हैं? उन्होंने कहा एक व्यक्ति है जो इस गांव में 12वीं पास है। कैसी सरकार चला रखी है यहा पे। आपके गांव में दो हजार लोगों में सिर्फ एक व्यक्ति है जो 12वीं पास है। क्या भविष्य है उस गांव का। यहा सड़कें बन जाती हैं। सरकार सड़क पर चलती है। सड़क पर हमला हुआ था। 32 लोग मारे गये। कहा थी सरकार? विपक्ष के सबसे बड़े नेताओं को मारा गया। कहा थी सरकार? अगर कांग्रेस पार्टी के नेता को नहीं बचाया जा रहा है तो अदिवासी लोग, आम आदमी कैसे बचेगा? कैसे आगे बढ़ेगा?
पैसा हम भेजते हैं। 10 हजार करोड़ भेजा। और यहा सरकार कहती है की पैसा नहीं है। हमने कानून बदल दिया। हमने कहा की देखिये जैसे हमने रोजगार गारंटी करके दिलवाया जो यहा चला नहीं। और हमने कहा है की पूरी हिन्दुस्तान में हम भोजन गारंटी करके देंगे। हर व्यक्ति को देंगे, हर गरीब को देंगे, जो भी मांगेगा उसको देंगे। और इनके नेताओं ने क्या किया? पार्लियामेंट हाउस में खड़े हो गये और कहा यह कानून नहीं चलेगा। तीन साल इसको रोकने की कोशिश की मगर हमने कानून पास करके दिखाया। सूचना का अधिकार दिया और आदिवासियों को ट्राइबल बिल दिलवाया। ट्राइबल बिल क्यो दिलवाया? इसलिये दिलवाया ताकि आपकी जो जमीन है आपको मिले। और अभी चौबे जी ने कहा की आपकी जो जमीन है छत्तीसगढ़ में। हमने जो दिल्ली में कानून बनाया है छत्तीसगढ़ में आपको जमीन नहीं दी जा रही। कांग्रेस पार्टी आयेगी, ट्राइबल बिल को हम यहा लागू करेंगे।
हमारा कहना है की पंचायतीराज है। जो आपकों निर्णय लेने हैं आपकों गांव में लेने चाहिये। आप लोग मुझे बताओं छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में आपको डाक्टर दिखाई देते हैं। हजारो लोग यहा मर रहे हैं। क्या किया जा रहा है। हमारी लड़ाई आम आदमी की लड़ाई है, गरीबों की लड़ाई है, कमजोरों की लड़ाई है। और हम चाहते हैं की सत्ता आपके तरफ जाये। शक्ति आपके हाथ में जाये। आरटीआई लाये हम। क्यो लाये? इस तम्बू में जो भी बैठा है आज हिन्दू, मुसलमान, सिख, आदिवासी, अमीर, गरीब जो भी है वो सरकार के बारे में कोई भी सवाल पूछ सकता है। और सरकार को जवाब देना होगा। जो आज भ्रष्टाचार की बात होती है जो पहले छुपा रहता था आरटीआई ने उसको बाहर निकाला। हम यह जानते थे क्योकि हम बदलाव लाना चाहते थे। जितने काम हमने पिछले 9 सालों में किये है उतने शायद किसी ने नहीं किये।
रोजगार योजना, आरटीआई, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, ट्राइबल बिल, किसानों को पैसा शायद एसा किसी सरकार ने नहीं किया। और हमने आपसे वादा किया था की कांग्रेस पार्टी की सरकार आयेगी, गरीबों, आदिवासियो, पिछड़ों, कमजोर लोगों की सरकार आयेगी। बाकि लोग खाली बात करते हैं लेकिन हमने 9 सालों में काम करके दिखाया। मनमोहन सिंह जी और सोनिया जी ने काम करके दिखया है। और जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार आयेगी तो आप एक बात नहीं भूलना की आदिवासी, गरीबों, पिछड़े लोगों की सरकार आयेगी। आपकी लड़ाई हमारी लड़ाई है। और जो आवाजों को जंगलों में बंद करने की कोशिश की गई, जिसकों मारने की कोशिश की उसको हम मरने नहीं देंगे क्योकि वो छत्तीसगढ़ की आवाज है। आप लोग दूर-दूर से आये इसके लिये बहुत धन्यवाद। और जो आदिवासी युवा हैं आपकों एक बात कहना चाहता हूं। आपको खड़े होना है, आपकों राजनीति में आना है। और आदिवासीयों को,बाकि हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाना है। इस काम को करने के लिये मैं आपके साथ खड़ा हुआ हूं इस बात को आप मत भूलों। धन्यवाद।
SeeMore :-http://www.pressbrief.in/index.php/component/option,com_seyret/Itemid,26/id,1213/task,videodirectlink/
No comments:
Post a Comment